Sunday, 24 August 2008
लिलीची फुले
लिलीची फुले
तिने एकदा चुंबिता,
डोळां पाणी मी पाहिले....!
लिलीची फुले
आता कधीही पाहता, डोळां
पाणी हे साकळे....!
- पु. शि. रेगे
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